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टी20 लीग से खिलाड़ियों का ध्‍यान भटकाने के लिए 100 करोड़ से ज्‍यादा का फंड! जानें क्‍या है आईसीसी की प्‍लानिंग

टी20 फ्रेंचाइज लीग को लेकर खिलाड़ियों की दिलचस्‍पी काफी बढ़ रही है, जिस वजह से खिलाड़ी क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट को नजरअंदाज कर रहे हैं.

इंग्‍लैंड के खिलाफ टेस्‍ट मैच के दौरान श्रीलंका टीम
authorSportsTak
Fri, 23 Aug 03:06 PM

टी20 फ्रेंचाइज लीग से खिलाड़ियों का ध्‍यान भटकाने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रहा है. दरअसल खिलाड़ियों में फ्रेंचाइजी लीग को लेकर दिलचस्‍पी काफी बढ़ रही है. जिसमें प्‍लेयर्स को फ्रेंचाइच से अच्‍छा पैसा मिलता है. टी20 लीग के चलते खिलाड़ी टेस्‍ट क्रिकेट को नजरअंदाज कर रहे हैं और इसी को लेकर आईसीसी चिंतित भी है. आईसीसी टेस्‍ट क्रिकेट को बचाने के लिए 150 लाख अमेरिकी डॉलर यानी 100 करोड़ से अधिक का फंड तैयार करने पर विचार कर रहा है,  जिससे खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन्हें केवल आकर्षक टी20 फ्रेंचाइजी लीग पर ध्यान केंद्रित करने से रोका जा सकेगा.

 

सिडनी मार्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने इस तरह का प्रस्ताव रखा है,  जिसे बीसीसीआई के सचिव जय शाह और इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) का समर्थन हासिल है. शाह अभी आईसीसी अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. इस फंड से टेस्ट क्रिकेटरों की न्यूनतम मैच फीस में बढ़ोतरी होगी और ये विदेशी दौरों पर टीमों को भेजने की लागत को कवर करेगा. इससे वेस्टइंडीज जैसे क्रिकेट बोर्ड को काफी मदद मिलेगी, जिसके खिलाड़ी के टेस्ट क्रिकेट के बजाय वैश्विक टी20 प्रतियोगिताओं में खेलने को प्राथमिकता दे रहे हैं. 

 

न्यूनतम भुगतान सुनिश्चित 

 

रिपोर्ट के अनुसार इस फंड के बनने के बाद सभी खिलाड़ियों के लिए न्यूनतम भुगतान सुनिश्चित होगा, जो लगभग 10000 डॉलर होगा. इसके अलावा ये उन देश के विदेशी दौरों की लागत का भी भुगतान करेगा जो टेस्ट क्रिकेट में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.  इस तरह का फंड बनाने का प्रस्‍ताव क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष माइक बेयर्ड ने जनवरी में रखी थी और उन्हें खुशी है कि इस पर आगे काम हो रहा है. उन्होंने कहा-

 

हमें हर बाधा को दूर करने और टेस्ट क्रिकेट को बेस्‍ट में से बेस्ट बनने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है. उस इतिहास और उस विरासत को बनाए रखने की जरूरत है, जो सीमित ओवरों की क्रिकेट के नए स्वरूपों के साथ आगे बढ़ रही है.

 

इस फंड से तीन सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को किसी तरह का लाभ होने की संभावना नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही अपने खिलाड़ियों को काफी वेतन दे रहे हैं. 

 

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