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Ranji Trophy 2023: बिना पुजारा-जडेजा के सौराष्ट्र 3 सीजन में दूसरी बार कैसे बन गया रणजी ट्रॉफी चैंपियन

सौराष्ट्र ने 19 फरवरी को

Ranji Trophy 2023: बिना पुजारा-जडेजा के सौराष्ट्र 3 सीजन में दूसरी बार कैसे बन गया रणजी ट्रॉफी चैंपियन
SportsTak - Mon, 20 Feb 05:46 PM

सौराष्ट्र ने 19 फरवरी को रणजी ट्रॉफी 2022-23 का खिताब अपने नाम किया. उसने फाइनल में बंगाल को शिकस्त देकर दूसरी बार भारत के घरेलू टूर्नामेंट की सबसे बड़ी ट्रॉफी जीती. सौराष्ट्र (Saurashtra Cricket Team) ने तीन सीजन में दूसरी बार रणजी चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले उसने 2019-20 का सीजन जीता था जो उसका पहला रणजी खिताब था. साल 2021 में सौराष्ट्र ने 50 ओवर का टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी जीता था. इस टीम के पास दो स्टार खिलाड़ी हैं- चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा. लेकिन दोनों भारतीय टीम के मेंबर हैं इस वजह से घरेलू क्रिकेट में कम ही खेल पाते हैं. फिर भी सौराष्ट्र ने पिछले कुछ सालों में लगातार कमाल किया है.

 

सौराष्ट्र ने साल 2018 के बाद से अपनी टीम में मामूली तब्दीली की है. पिछले तीन सीजन में उसकी तरफ से केवल दो ही खिलाड़ी डेब्यू कर पाए हैं बाकी सब पुराने चेहरे ही खेल रहे हैं. डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों में पार्थ भुट और युवराज सिंह डोडिया शामिल हैं. इन दोनों ने भी अपने खेल से छाप छोड़ी है. भुट ने क्वार्टर फाइनल में पंजाब के खिलाफ नौवें नंबर पर उतरकर शतक व फिफ्टी लगाई फिर पांच विकेट भी चटकाए थे. इनके अलावा जयदेव उनादकट, अर्पित वसावड़ा, शेल्डन जैक्सन, धर्मेंद्र सिंह जडेजा, चिराग जानी, प्रेरक मांकड़, चेतन साकरिया, हार्विक देसाई और स्नेल पटेल जैसे चेहरे काफी समय से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं.

 

 

उनादकट की कप्तानी बड़ी वजह

 

टीम की कामयाबी का क्रेडिट बहुत हद तक कप्तान उनादकट को जाता है. इस सीजन 10 मैच में 907 रन बनाने वाले वसावड़ा ने उनके बारे में इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा, 'काफी सारी क्रेडिट जेडी को जाती है. उसने कमाल की प्लानिंग की और सबको साथ रखा.  वह मुश्किल समय में खिलाड़ियों को सपोर्ट करता है और इससे खिलाड़ियों को लगता है कि वे टीम के लिए कुछ भी कर सकते हैं.'

 

बाएं हाथ के पेसर चेतन साकरिया ने कहा, 'विजय हजारे ट्रॉफी में जिस तरह से उन्होंने शेल्डन भाई का सपोर्ट किया उसे देखिए. उन्होंने लीग गेम्स में रन नहीं बनाए थे लेकिन फाइनल में जहां सबसे ज्यादा जरूरत थी वहां रन बनाए. टीम का माहौल खुशनुमा रहता है. हर मैच से पहले हमारी टीम का डिनर होता है. हमारा ड्रेसिंग रूम परिवार की तरह है.'

 

बताया जाता है कि रणजी सीजन से पहले सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के आला अधिकारी टीम में वसावड़ा और जैक्सन की जगह नए चेहरों को लाना चाहते थे. लेकिन उनादकट ने अनुभव को तरजीह दी और इन्हें टीम में दाखिल कराया. इसका नतीजा मिला और वसावड़ा सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में शामिल रहे तो जैक्सन ने सेमीफाइनल में शतक और फाइनल में अर्धशतक लगाया.

 

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