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हार्दिक पंड्या का बड़ा खुलासा, 'IPL 2022 फाइनल में मैंने नहीं मानी थी आशीष नेहरा की बात', जानें क्या था पूरा मामला

गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने साल 2022 आईपीएल में कमाल कर दिया था.

हार्दिक पंड्या का बड़ा खुलासा, 'ipl 2022 फाइनल में मैंने नहीं मानी थी आशीष नेहरा की बात', जानें क्या था पूरा मामला
authorSportsTak
Thu, 04 May 08:35 PM

गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने साल 2022 आईपीएल में कमाल कर दिया था. इस खिलाड़ी को पहली बार किसी टीम की कमान मिली थी और पहले ही सीजन में इस ऑलराउंडर ने गुजरात टाइटंस को चैंपियन बना दिया था. इसी की बदौलत हार्दिक की टीम इंडिया में वापसी हुई थी. क्योंकि इससे पहले पंड्या चोट के चलते बाहर थे. इस सीजन के बाद ही दुनिया को ये पता चला कि, गुजरात को जीत दिलाने में पंड्या के अलावा नेहरा का भी बड़ा हाथ था.


लेकिन इन सबके बीच अब हार्दिक पंड्या ने बड़ा खुलासा किया है. हार्दिक पंड्या ने कहा है कि, फाइनल मैच में कुछ ऐसा हुआ था जब पंड्या ने आशीष नेहरा की बात नहीं मानी थी. गुजरात के कोच नेहरा अक्सर मैच के बीच हार्दिक को गाइड करते रहते हैं. फाइनल में नेहरा ने वही किया लेकिन इस बार हार्दिक ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया था.

 

यूट्यूब चैनल पर गुजरात टाइटंस के पॉडकास्ट में बात करते हुए हार्दिक ने कहा कि, एक बार ही ऐसा हुआ है जब मैं नेहरा के खिलाफ गया हूं. राशिद खान कभी भी 12वें ओवर में अपना तीसरा ओवर नहीं डालते हैं. मैं उन्हें 14वां और 16वें ओवर देता हूं. मुझे हमेशा लगता है कि, राशिद उस दौरान बेहतर करते हैं जब बल्लेबाज उनको टारगेट करते हैं. इस दौरान राशिद विकेट निकालकर देते हैं.

 

नहीं मानी नेहरा की बात: पंड्या


हार्दिक ने कहा कि, देवदत्त पडिक्कल उस दौरान 9 गेंद पर 2 रन बनाकर खेल रहे थे. राशिद ने पहले ही अपने 3 ओवर डाले दिए थे. हम कभी भी 12वें ओवर के समय उनका कोटा खत्म नहीं करवाते हैं. इसके बाद मैंने स्कोरबोर्ड देखा और संजू- यशस्वी पवेलियन लौट चुके थे. उस दौरान मुझे पता था कि, एक बल्लेबाज शॉर्ट है. ये मेरे लिए काफी जरूरी था. बटलर उस दौरान फॉर्म में थे. पंड्या ने आगे कहा उस मैच में देवदत्त पडिक्कल 9 गेंदों पर लगभग 2 रन बना चुके थे. राशिद पहले ही 3 ओवर फेंक चुके थे. आम तौर पर हम उनका कोटा 12वें ओवर के आसपास पूरा नहीं कर पाते. मैंने स्कोरबोर्ड देखा और महसूस किया कि उन्होंने 2 विकेट खोकर 80 रन बना लिए थे. यशस्वी जमे थे, मुझे पता था कि उनके पास एक बल्लेबाज कम था.

 

हार्दिक ने आगे कहा, चूंकि यह फाइनल था, मुझे लगा कि हम उस कमजोरी का फायदा उठाने में अधिक आक्रामक हो सकते हैं. आशु पा ने मुझे साई किशोर को गेंदबाजी करने का इशारा किया. मैंने साई को बुलाया, लेकिन फिर मैं रुक गया. मैंने स्कोर देखा 11 में मैंने 2 फेंके और 6 रन दिए.

 

इसके बाद मैंने साईं किशोर को वापस भेज दिया और राशिद खान के चार ओवर के कोटा को समाप्त करने का विकल्प चुना. इस कदम ने टीम के पक्ष में काम किया, क्योंकि राशिद ने पडिक्कल को आउट कर दिया. बटलर भी इसके बाद आउट हो गए. मेरे लिए यही एकमात्र मौका था जब मैं आशीष नेहरा के खिलाफ गया.

 

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