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AUS vs WI: कौन हैं शमार जोसेफ? गांव में न टीवी, न फोन और न इंटरनेट, घर पहुंचने में लगते है 2 दिन, पेड़ काटे, मजदूर-सिक्‍योरिटी गार्ड ऑस्‍ट्रेलिया को दिन में तारे दिखाए

who is Shamar Joseph: जोसेफ गाबा में वेस्‍टइंडीज को मिली ऐतिहासिक‍ जीत के हीरो हैं. वो पिछले साल तक सिक्‍योरिटी गार्ड का काम करते थे. उन्होंने ऑस्‍ट्रेलिया में ही इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था

शमार जोसेफ ने चोटिल होने के बावजूद 7 विकेट लेकर वेस्‍टइंडीज को गाबा में ऐतिहासिक जीत दिलाई
authorकिरण सिंह
Sun, 28 Jan 02:43 PM

Shamar Joseph, Australia vs West Indies: शमार जोसेफ (Shamar Joseph)... इस नाम की आज पूरी दुनिया में चर्चा में हो रही है. 24 साल के इस खिलाड़ी ने गाबा में ऑस्‍ट्रेलिया को दिन में तारे दिखा दिए. चोटिल होने के बाद जोसेफ ने गाबा में ऑस्‍ट्रेलिया की हार की कहानी लिखी. उन्‍होंने आखिरी पारी में 11.5  ओवर में 68 रन देकर सात विकेट लिए और वेस्‍टइंडीज को गाबा में 8 रन से जीत दिलाई. ये उनके करियर का दूसरा ही इंटरनेशनल मैच था और दूसरे ही मैच में उन्‍होंने वो कर दिखाया, जिसका सपना उन्‍होंने पेड़ काटते वक्‍त, मजूदरी करते वक्‍त और सिक्‍योरिटी गार्ड का काम करते हुए देखा था. एक ऐसे गांव जहां कुछ समय पहले तक न टीवी था, न ही फोन और न ही इंटरनेट, वहां से निकलकर उन्‍होंने दुनिया को अपना दम दिखा दिया. 


जोसेफ गयाना के बाराकारा के रहने वाले हैं. उनके गांव की पॉपुलेशन मुश्किल से 350 है. 2018 तक उनके गांव में न तो मोबाइल था और न ही इंटरनेट कनेक्‍शन. ब्‍लैक एंड व्‍हाइट टीवी भी मुश्किल से ही थी. वो भी बाहरी दुनिया से कटे हुए थे, मगर इसके बाद एक हादसे ने  उन्‍हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. दरअसल उनके गांव में जीवन यापन के लिए लोगों के पास लकड़ी काटने का ही विकल्‍प था. उनके पिता और भाई भी यही  काम करते थे. वो भी अपने पिता के साथ यही काम करने लगे. एक दिन पेड़ उनके पास गिरा. मौत को इतने करीब से देखने के बाद उन्‍होंने उस काम को और गांव छोड़ने का फैसला लिया. वो काम की तलाश में न्यू एम्स्टर्डम चले गए. उन्‍हें वहां से अपने घर आने के लिए जहाज से करीब दो दिन का वक्‍त लगता था. 

 

मजदूरी और सिक्‍योरिटी गार्ड का किया काम

न्‍यू एम्स्टर्डम में पहले तो उन्‍होंने मजदूरी की, मगर ऊंचाई के डर की वजह से वो उस काम को भी सही से नहीं कर पाए. इसके बाद उन्‍होंने वहां पर सिक्‍योरिटी गार्ड का काम किया और परिवार की आर्थिक मदद की, मगर गार्ड  की नौकरी के चलते वो अपने खेलने के शौक को पूरा नहीं कर पाते थे. जब भी समय मिलता, वो गेंदबाजी की प्रैक्टिस करते.  इसके बाद मंगेतर का सपोर्ट मिलने के बाद उन्‍होंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए जुट गए. वो पिछले साल तक गार्ड की ही नौकरी कर रहे थे.

 

डेब्‍यू सीरीज में जोसेफ का प्रदर्शन

पिछले साल ही उन्‍होंने फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में डेब्‍यू किया था. फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके का इनाम उन्‍हें ऑस्‍ट्रेलिया में मिला. उन्‍हें इस सीरीज में डेब्‍यू का मौका मिला. डेब्‍यू मैच में उन्‍होंने 36 रन बनाने के साथ ही पहली पारी में 5  विकेट लिए थे. वहीं दूसरे टेस्‍ट में कुल 8 विकेट लिए. जिसमें आखिरी पारी में 7 विकेट शामिल है. 7 विकेट लेकर उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया की दूसरी पारी को 207 रन पर ऑलआउट कर दिया था, जो 216 रन के टारगेट के जवाब में उतरी थी. उन्‍होंने अंगूठा चोटिल होने के बावजूद गेंदबाजी की और इतिहास रचा. दरअसल बीते दिन मिचेल स्‍टार्क की गेंद से वो चोटिल हो गए थे और मैदान से बाहर चले गए थे, मगर जब बात गेंदबाजी की आई तो उन्‍होंने कहर बरपा दिया.  विंडीज पिछले 35 सालों में गाबा में टेस्‍ट जीतने वाले भारत के बाद दूसरी टीम है. 

 

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