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AUS vs SA : टेम्बा बावुमा ने इस खिलाड़ी को बताया असली योद्धा, कहा- वो हमें मैच में वापस लाया, जब तक वो चोटिल नहीं हुआ तब तक लड़ता रहा


साउथ अफ्रीकी टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद वावुमा ने खिलाड़ियों की तारीफ की. बावुमा ने अपने एक खिलाड़ी को योद्धा भी बताया.

हार के बाद भी बावुमा ने की टीम की तारीफ
authorSportsTak
Fri, 17 Nov 08:11 AM

साउथ अफ्रीका की टीम एक बार फिर वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने से चूक गई. अफ्रीकी टीम का सपना एक बार फिर चकनाचूर हो गया. लेकिन इस हार के बावजूद अफ्रीकी टीम के कप्तान टेम्बा बावुमा को अपनी टीम पर गर्व है. कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अंत में 3 विकेट से जीत हासिल कर ली. अफ्रीकी टीम ने पहले बल्लेबाजी की और अफ्रीकी टीम के 4 बल्लेबाजों को 44 के कुल स्कोर पर ही वापस भेज दिया. लेकिन इसके बाद डेविड मिलर के 116 गेंदों में 101 रन की पारी की बदौलत जैसे तैसे टीम 212 रन तक पहुंचन में कामयाब रही.

 

बारिश के चलते मैच को रोका भी गया और कहीं न कहीं इसी के चलते टीम की लय भी बिगड़ी. लेकिन मिल और क्लासेन की साझेदारी की बदौलत टीम 200 के करीब पहुंचने में कामयाब रही. ऑस्ट्रेलिया की जीत ने ये तय कर दिया है कि अब 19 नवंबर को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही फाइनल मुकाबला खेला जाएगा. मैच के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में बावुमा ने अपनी टीम और एक ऐसे खिलाड़ी की तारीफ की जो अंत तक चोटिल होने का बावजूद लड़ता रहा.

 

 

 

मिलर की बदौलत हम 200 तक पहुंचे

 

मैच के बाद बावुमा ने कहा कि, इसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता. सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया को बधाई. फाइनल के लिए उन्हें शुभकामनाएं. उन्होंने आज वास्तव में अच्छा खेला. हमने काफी लचीलापन दिखाया. जिस तरह से हमने बल्ले और गेंद से शुरुआत की हमारे लिए वही अहम पल था और फिर अंत में हम मैच हार गए. कोलकाता के कंडीशन्स और ऑस्ट्रेलिया के अटैक ने हमें दबाव में डाल दिया. जब आप 24/4 होते हैं तो आपको हमेशा प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. जब मिलर और क्लासेन वहां थे तो हम कुछ गति हासिल कर रहे थे लेकिन दुर्भाग्य से वह (क्लासेन) ज्यादा देर तक टिक नहीं सके. मिलर की पारी शानदार थी. ऐसे में ये पूरी टीम के चरित्र को उजागर करती है. दबाव की स्थिति में और विश्व कप सेमीफाइनल में ऐसा करना कमाल था. पहले 10 ओवरों में जो उन्होंने 70 रन बनाए, इससे वास्तव में बाकी खिलाड़ियों को जमने का मौका मिला. मार्करम और महाराज ने अपनी गेंदबाजी से कंगारुओं का दबाव में डाल दिया था.

 

योद्धा है कोट्जी

 

बावुमा ने आगे कहा कि,  हमारे पास मौके थे, कठिन मौके थे जिन्हें हमने गंवा दिया, अगर हमने अफनी लय बरकरार रखी होती तो यह थोड़ा करीबी हो सकता था. जेराल्ड कोट्जी की तारीफ करते हुए बावुमा ने कहा कि, एक युवा खिलाड़ी के रूप में इस गेंदबाज ने एक योद्धा की तरह प्रदर्शन किया. सीमर्स जब संघर्ष कर रहे थे तब कोट्जी राउंड द विकेट आए और स्मिथ को आउट कर कमाल कर दिया. उन्हें क्रैम्प्स आ रहे थे लेकिन फिर भी वो गेंदबाजी करते गए. क्विंटन शायद अपने करियर का अंत अलग तरह से करना चाहते थे. जो भी नतीजा आया उसके बावजूद मुझे लगता है कि उन्हें ये समय याद रहेगा. वो दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के दिग्गजों में से एक के रूप में जाने जाएंगे.

 

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