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दलीप ट्रॉफी में 9 विकेट लेने के बाद भी इस बॉलर को टीम इंडिया में बने रहने का भरोसा नहीं, कहा- मैं तो आखिरी मैच...

दलीप ट्रॉफी में आकाश दीप इंडिया ए टीम का हिस्सा थे और उन्होंने इंडिया बी के खिलाफ पहली पारी में 60 रन देकर चार और दूसरी पारी में 56 रन देकर पांच शिकार किए.

आकाश दीप (सबसे दाएं) भारत के लिए टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं.
authorShakti Shekhawat
Sun, 08 Sep 09:03 PM

एक फर्स्ट क्लास में अगर कोई गेंदबाज नौ विकेट ले लेता है तो उसके लिए यह काफी खुश करने वाला पल होता है. लेकिन भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप इस तरह की कामयाबी का जश्न मनाने की जगह अपनी कमजोरियों पर काम करना चाहते हैं.  उन्होंने कहा कि इस मैच से उन्हें आगामी व्यस्त सीजन से पहले अपने में सुधार का संकेत मिला है. दलीप ट्रॉफी में आकाश दीप इंडिया ए टीम का हिस्सा थे और उन्होंने इंडिया बी के खिलाफ पहली पारी में 60 रन देकर चार और दूसरी पारी में 56 रन देकर पांच शिकार किए.

 

आकाश ने मैच के बाद रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा, 'अगर आप एक क्रिकेटर के तौर पर संतुष्ट हो जाते हैं तो कभी कुछ नहीं सीख पाएंगे. जहां तक मेरे अंदर सीखने की भूख है तब तक मैं कभी संतुष्ट नहीं हो सकता. विकेट्स और नतीजे दो अलग चीजें हैं. कभी आपको नतीजे मिलेंगे, कभी नहीं. लेकिन सबसे जरूरी बात है प्रक्रिया... जैसे बॉलिंग करना, किन चीजों पर काम किया जा सकता है.'

 

भारतीय टेस्ट टीम में बने रहने पर क्या बोले आकाश

 

भारत को अगले कुछ महीनों में 10 टेस्ट खेलने हैं. आकाश ने जिस तरह से दलीप ट्रॉफी के पहले राउंड के मैच में प्रदर्शन किया उससे सेलेक्टर्स तक सही संदेश पहुंचा है. वे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के मददगार बन सकते हैं. हलांकि आकाश किसी तरह की उम्मीद नहीं रख रहे. उनका ध्यान भविष्य की जगह वर्तमान पर है. उन्होंने कहा, 'मैं तो आखिरी मैच समझकर हरेक मैच को खेलता हूं. मैं ज्यादा आगे की नहीं सोचता. मेरे पास केवल वर्तमान है.'

 

आकाश ने लंबे समय बाद खेला फर्स्ट क्लास मैच

 

आकाश ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट से टीम इंडिया में कदम रखा था. उसके बाद से वे अब ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं. लेकिन बंगाल के लिए खेलने वाले इस बॉलर का कहना है कि वह सीजन के लिए अपने हिसाब से तैयारी कर रहे थे. उन्होंने बताया, ‘रांची में भारत के लिए डेब्यू और आईपीएल के बाद मैंने कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला. इतने लंबे अंतराल के बाद किसी तेज गेंदबाज के लिए खेलना मुश्किल होता है. लेकिन मैं पिछले महीने से प्रैक्टिस कर रहा था. हम लोग असली मैचों की तरह खेल रहे थे. इसलिए हमारी मानसिकता ही ऐसी थी कि बॉलिंग के हिसाब से मांसपेशियों को तैयार किया जाए. इसका काफी फायदा मिला.’

 

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